भारतवासियो के लिए खुशखबरी। UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने अपने ट्विटर से UNSC के बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि सदस्य देशों ने भारत को भारी समर्थन देते हुए 2021-22 तक के लिए UNSC का अस्थाई सदस्य चुना है।
UNSC का 8वीं बार अस्थाई सदस्य चुना गया है। 192 वोटों में से भारत के पक्ष में 184 वोट पड़े है। यहां भारत को भारी समर्थन देते हुए 2021-22 तक के लिए UNSC का अस्थाई सदस्य चुना है। भारत को 192 में से 184 वोट मिले हैं । जानिए- क्या है UNSC, इसकी सदस्यता का क्या मतलब है ।
UNSC की क्या अहमियत है –
UNO (संयुक्त राष्ट्र संघ) के 6 प्रमुख हिस्सों में से UNSC एक है। इसका मुख्य कार्य विश्वभर में सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करना है।
इसके अतिरिक्त UNO में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। सुरक्षा परिषद की अन्य जिम्मेदारियों में दुनियाभर के दूसरे देशो में शांति मिशन भी भेजना है। इसके अलावा अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री एक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।
बता दें भारत को अस्थायी सदस्य चुने जाने के लिए 128 वोट चाहिए थे। हालांकि भारत को पहले से पूर्ण उम्मीद थी कि सुरक्षा परिषद चुनाव में उसे आसानी से जीत मिल जाएगी जो उसे 2021-2022 के कार्यकाल के लिए गैर-स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र उच्च-तालिका में लाएगा।
भारत पहली बार 1950 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और आज 8वीं बार चुना गया। भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से गैर-स्थायी सीट के लिए एक मात्र उम्मीदवार था।
UN हेडक्वार्टर, कोरोना महामारी की वजह से 15 मार्च से ही बंद था। आज यहां पर तीन चुनाव कराए गए। सभी सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अगले प्रेसिडेंट, UNSC के पांच गैर अस्थायी देशों और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के सदस्यों के चुनाव के लिए वोट किया।
इसके साथ ही भारत UN के शक्तिशाली 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो गया है।
आखिरी बार 2011 में चुना गया भारत
10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं जिसमें अफ्रीकी और एशियाई देशों के लिए 5 सीटें, पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए 1 सीट, लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों के लिए 2 सीटें और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिए 2 सीट निर्धारित की गई है।
परिषद के लिए चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को महासभा में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्य देशों के मतपत्रों का दो-तिहाई बहुमत चाहिए।
इससे पहले, भारत को 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और हाल ही में 2011-2012 में सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना जा चुका है।
कंटेंट क्रिएटर – धर्मेंद्र सिंह राजपूत