
चलिए दोस्तों हम जानते है राम लला की जन्मभूमि से जुड़े अनजाने तथ्य :-
अयोध्या नगरी को भगवान श्री राम लला की जन्म भूमि के रूप में माना जाता है, पौराणिक कथाओं एवं धार्मिक पुरानो के अनुसार यह भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र पर बसी है और ऐसा भी कहा जाता है कि यह त्रिदेव की पवित्र स्थली है अर्थात भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव के पवित्र स्थल में से एक है।
ऐसा भी कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु अपना राम अवतार लेने वाले थे तब उन्होंने भगवान ब्रह्मा, मनु देवशिल्पी विश्वकर्मा और महर्षि वशिष्ठ को अपनी जन्मभूमि का चयन करने के लिए कहा था तब भगवान ब्रह्मा ने सरयू नदी के तट पर स्थित भूमि का चयन किया था तथा देव शिल्पी विश्वकर्मा ने अयोध्या का निर्माण किया था। अर्थात अयोध्या नगरी को स्वयं भगवान द्वारा बनाया गया है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार अयोध्या नगरी की स्थापना सूर्य के पुत्र वैवस्वत मनु महाराज ने की थी और भगवान श्री राम के पिता राजा श्री दशरथ जी अयोध्या के 63वे शासक थे ।
श्री राम लला की जन्मभूमि के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह पुराने जमाने में रघुवंशी राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। तब यह भूमि 96 वर्ग मील में बसी हुई थी।
भगवान राम लला की जन्मभूमि के बारे में यह भी कहा जाता है कि एक समय यह विरान हो चुकी थी तब भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने इस नगर को फिर से बसाया था क्योंकि जब भगवान श्री राम अपने धाम जा रहे थे तब उनके साथ अयोध्या में स्थित मानव सहित जितने भी जीव थे वह भी भगवान श्री राम के साथ उनके धाम चले गए थे।
राम जन्मभूमि के बारे मैं कहा जाता है कि सन् 1526 में राम मंदिर तोड़ कर यहां पर सन् 1528 में मस्जिद का निर्माण करवाया गया लेकिन सन 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन के तहत इस मस्जिद को गिरा दिया गया और इतने वर्षों बाद अब यहां पर राम मंदिर बनाया जा रहा है क्योंकि यहां पर भगवान श्री राम के मंदिर से जुड़े स्तंभों खुदाई में मिले हैं जिन पर भगवान श्री राम के चल चरित्र का छायाचित्र है ।
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